
जय जवान, जय किसान , जय विज्ञान
| स्वयं बनाये रसायन मुक्त खेती में प्रयुक्त होने वाली दवा, खाद एवं अन्य सामग्री |
मटका खाद के फायदे :-
किफायती | सभी जगह आसानी से बनाया जा सकता है | मटका खाद बनाने के लिए सामग्री गाँव में ही उपलब्ध | खेत की उपजाऊ क्षमता एवं सूक्ष्मजीवों की संख्या में तीव्र विकास | सही अंतराल में इस्तमाल से किसी भी अन्य खाद की आवश्यकता नहीं
सामग्री:-
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देशी गाय का गोबर 10 किलो
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देशी गाय का मूत्र 10 लीटर
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काला गुड (देशी) 500 ग्राम
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किसी भी दल का आटा : 500 ग्राम
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पुराना मटका : एक 1
बनाने की विधि :-
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सबसे पहले गुड को थोड़े से गौमूत्र में मिला लें, एवं सुनिश्चित करें की गांठ न बची हो
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इसके बाद दाल के आटे को थोड़े से गौमूत्र में मिला लें
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इसके बाद सभी सामग्री को मटके में डाल के हाँथ से से मिला लें
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सभी सामग्री मिल जाने के बाद लकड़ी के डंडे से ३ मिनट सीधी दिशा में एवं ३ मिनट उलटी दिशा में घुमाएँ
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मटके के मुह को सूती कपडे से बांधकर छाव में 10 दिन के लिए छोड़ दें
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प्रतिदिन सुबह एवं शाम इसको लकड़ी के डंडे से मिलाये
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10 दिन के बाद मटका खाद तयार है
उपयोग करने का तरीका :-
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उपरोक्त मटका खाद 200 लीटर पानी मे मिलाने के लिए पर्याप्त है , इसे फसलों के बीच या मेड पर 12-15 दिन के अंतराल में छिडकें
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सिंचाई के लिए 200 लीटर प्रति एकड़
सावधानी:
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खाद बन जाने के बाद 2-3 दिन के अन्दर ही इसका इस्तमाल कर लें
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ध्यान रखें की जब खेत में पर्याप्त नमी हो तभी इसका छिडकाव करें
अधिक जानकारी के लिए:
पत्राचार हेतु : वैदिक वाटिका, कैलाश ट्रेडिंग कंपनी के निकट, रास्ट्रीय राजमार्ग 78 . गम्हरिया, जशपुर नगर ४९६३३१ , छत्तीसगढ़
ईमेल : INFO@VEDICVATICA.ORG